मई महीने में भारत के केंद्रीय बैंक ने 2000 रुपये के नोट को लेकर बड़ा ऐलान किया है। अब इस नोट को सर्कुलेशन से बाहर किया जा रहा है। लोग 30 सितंबर 2023 तक इस नोट को बैंक में जमा करवा सकते हैं। फिलहाल इस नोट को वैध रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2000 रुपये के नोट के बारे में कहा कि मई महीने से अभी तक यानी कि एक महीने के भीतर 2,000 रुपये के दो-तिहाई से ज्यादा नोट सिस्टम में वापस आ गये हैं।  

एमपीएस की बैठक

इस महीने 8 तारीख को वित्तीय वर्ष की दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में लिए गए फैसलों की घोषणा हुई है। मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए दास ने कहा था कि 2,000 रुपये के लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये तक के नोट अब सिस्टम में वापस आ गया है। जबकि ये नोट 31 मार्च तक मार्केट में लगभग 50 प्रतिशत ही सर्कुलेशन में थे। इसमें लगभग 85 प्रतिशत नोट जमा हो गए हैं। बाकी नोट अभी मार्केट में चल रहे हैं। यानी कि लोग अभी भी उन नोटों का संचालन किया जा रहा है। पीटीआई भाषा ने पिछले हफ्ते आरबीआई मुख्यालय में एक साक्षात्कार किया था । इस साक्षात्कार में गवर्नर दास ने बताया कि पिछले सप्ताह के मध्य तक में दो-तिहाई से अधिक या 2.41 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट अब सिस्टम में वापस आ गया है।

नोट जमा करने में कोई जल्दबाजी नहीं है

केंद्रीय बैंक ने नोट एक्सचेंज या फिर जमा करने के अंतिम दिन 30 सितंबर, 2023 तय की है। लोग नोट को जमा करने में जल्दबाजी कर रहे हैं। इसपर दास ने कहा कि ये समय सीमा कोई पत्थर की लकीर नहीं है। लोगों को पैसे जमा करने या फिर एक्सचेंज करने के लिए जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है।

रेपो रेट में हो सकता है बदलाव

पिछले मौद्रिक नीति में रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया था। गवर्नर दास ने कहा था कि नोट वापस लेने से मौद्रिक स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं हालिया विश्लेषक रिपोर्ट के अनुसार 2000 नोट के सर्कुलेशन के बाद से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा। ऐसे में अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए रेपो रेट में वृद्धि हो सकती है। अभी रेपो रेट 6.5 फीसदी है।