रायपुर ।  छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में तीन महीने पहले प्रत्याशी घोषित करने का फार्मूला हिट हो गया। घोषणा-पत्र भी भाजपा ने कांग्रेस से पहले जारी किया था। भाजपा ने आचार संहिता लागू होने के 54 दिनों पहले और चुनाव से करीब तीन महीने पहले 21 अगस्त को 21 प्रत्याशियों की पहली सूची की घोषणा कर दी थी। इन सीटों पर बीते कई साल से भाजपा चुनाव नहीं जीत पाई थी। इन 21 सीटों में से भाजपा ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की है। भाजपा को यहां प्रचार-प्रसार का भरपूर समय मिला। साथ ही यहां बड़ी चुनावी सभाएं भी आयोजित की गई। पहली सूची की 11 सीटों पर भाजपा को हार मिली है। हालांकि भाजपा जीत हुई सीटों को बड़ी उपलब्धि बता रही है। तीन माह पहले 21 प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से कांग्रेस पर भी दबाव बढ़ गया।

बस्तर और सरगुजा संभाग की 26 सीटों में 22 सीटों पर कब्जा

इधर, भाजपा प्रत्याशियों को अपनी सीटों पर प्रचार करने का भरपूर समय मिला। इस रणनीति का लाभ भी भाजपा को मिला। 2018 के चुनाव में आदिवासी बेल्ट से भाजपा लगभग साफ हो गई थी। इस बार भाजपा ने बस्तर और सरगुजा संभाग की 26 सीटों में 22 सीटों पर कब्जा किया है।

बस्तर सधा तो मिल गई सत्ता

कहा जाता है कि सत्ता तक पहुंचने का मार्ग बस्तर से तय होता है। इस बार भी ठीक यही सिद्ध हो रहा है। बस्तर की आठ सीटों पर भाजपा आई है। सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटें भाजपा को मिल गई है।

इन 21 सीटों पर तीन पहले पहले सूची हुई थी जारी

प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, रामानुजगंज, लुंड्रा, खरसिया, धर्मजयगढ़, कोरबा, मरवाही, सराईपाली, खल्लारी, अभनपुर, राजिम, सिहावा, डौंडीलोहारा, पाटन, खुज्जी-मोहला मानपुर, खैरागढ़, कांकेर, बस्तर। भाजपा को इन सीटों पर मिली जीत: प्रेमनगर से भूलन सिंह मरावी, भटगांव से लक्ष्मी राजवाड़े, प्रतापपुर से शकुंतला सिंह पोर्ते,रामानुजगंज से रामविचार नेताम, लूंड्रा से प्रबोध मिंज,कोरबा से लखनलाल देवांगन, मरवाही से प्रणव कुमार मरपच्ची, अभनपुर से इंद्रकुमार साहू, राजिम से रोहित साहू व कांकेर से आशाराम नेताम।