भोपाल । मध्यप्रदेश के 22 जिलों में अच्‍छी बारिश हो सकती है।  इनमें रायसेन, सीहोर, भोपाल, राजगढ़, खंडवा, नर्मदापुरम, हरदा, खरगोन, बड़वानी, आलीराजपुर, बुरहानपुर, इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर, अशोकनगर, श्यौपुरकलां, शिवपुरी, अनूपपुर, जबलपुर, मंडला एवं सागर जिलों में मध्यम स्तर की वर्षा होगी। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में राजस्थान से लगे उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। मानसून द्रोणिका उत्तर प्रदेश से लगी मप्र की सीमा से होकर गुजर रही है। इस दो मौसम प्रणालियों के असर से रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार को विदिशा, बैतूल, गुना, छिंदवाड़ा एवं सिवनी जिले में भारी वर्षा की संभावना है।भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर सहित 22 जिलों में मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है। उत्तर-पूर्वी राजस्थान और उससे लगे उत्तर-पश्चिमी मप्र पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात मौजूद है। इन मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है। इस तरह की स्थिति अभी बनी रह सकती है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में नीचे के स्तर पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। तीन से चार दिन में चक्रवात के ऊर्जावान होकर आगे बढ़ने की संभावना है। उसके प्रभाव से प्रदेश में मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगेगी। मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक उज्जैन में 52, ग्वालियर में 40.3, पचमढ़ी में 10, बैतूल में छह, इंदौर में 5.2, खरगोन में पांच, धार में तीन, नर्मदापुरम में दो, भोपाल में 1.9, छिंदवाड़ा में 0.6 मिलीमीटर वर्षा हुई।जबलपुर, सागर और नौगांव में बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जेपी विश्वकर्मा ने बताया कि मानसून द्रोणिका वर्तमान में जैसलमेर, सीकर, उरई, सुल्तानपुर, पटना, मालदा से होते हुए अरुणाचल प्रदेश तक बनी हुई है।