नई दिल्ली । अब स्पैम या अननोन नंबर से कॉल आती है तो उसे रोकने के ‎लिए ट्राई ने सीएनएपी लागू रकने की घोषणा कर दी है। दूरसंचार नियामक ट्राई (ट्राई) ने इस समस्या का हल निकालने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। ट्राई ने दूरसंचार नेटवर्क में कॉल करने वाले शख्स का नाम फोन स्क्रीन पर दर्शाने वाली सेवा शुरू करने की सिफारिश की है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने शुक्रवार को अपनी सिफारिश में कहा कि ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन’ (सीएनएपी) अनुपूरक सेवा के तहत मोबाइल फोन की स्क्रीन पर कॉल करने वाले का नाम दिखने की व्यवस्था को शुरू किया जाना चाहिए। हालांकि, इस सेवा को केवल ग्राहकों के अनुरोध पर ही सभी टेलीकॉम कंपनियां मुहैया कराएंगी। जो लोग इस सर्विस का इस्तेमाल करेंगे उन्हे कॉल रिसीव करने से पहले पता चल जाएगा की उन्हे कॉल कौन कर रहा है। इसके आने से फेक कॉल जैसी समस्या से छुटकारा पाने में काफी मदद मिलेगी। दरअसल सीएनएपी सुविधा चालू होने पर ग्राहक अपने फोन की स्क्रीन पर कॉलर का नाम देख पाएंगे। ट्राई ने कहा कि सरकार को एक तय तारीख के बाद भारत में बेचे जाने वाले सभी फोन में सीएनएपी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दूरसंचार कंपनियों को उपयुक्त निर्देश जारी करना चाहिए। 
ट्राई ने कहा है ‎कि इसके ‎लिए मोबाइल फोन कनेक्शन लेते समय भरे जाने वाले ग्राहक आवेदन पत्र (सीएएफ) में दिए गए नाम एवं पहचान डिटेल्स का इस्तेमाल सीएनएपी सेवा के दौरान किया जा सकता है। जहां देशी स्मार्टफोन टूल और ट्रूकॉलर एवं भारत कॉलर जैसे ऐप भी कॉल करने वाले के नाम की पहचान और स्पैम पहचान की सुविधाएं देते हैं। लेकिन ये सेवाएं लोगों से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित हैं जो हमेशा विश्वसनीय नहीं होती हैं। दूरसंचार नियामक ने सुझाव दिया कि सभी एक्सेस सेवा प्रदाता अपने टेलीफोन ग्राहकों को उनके अनुरोध पर सीएनएपी सेवा मुहैया कराएं। ट्राई ने पहले भी इस पर हितधारकों, जनता और कंप‎नियों से राय मांगी थीं।