यूजीसी ने कुछ कोर्स के अवधि और पात्रता में किया बदलाव
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने हाल ही में कुछ नई डिग्रियों के लिए स्पेसिफिकेशन जारी किया है. साथ ही कुछ कार्यक्रमों के लिए कोर्स की अवधि में बदलाव किया है. आयोग ने विभिन्न डिग्री कार्यक्रमों के लिए पात्रता मानदंड में कुछ बदलावों की भी घोषणा की है. जिसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी किया है. आधिकारिक अधिसूचना ugc.ac.in पर उपलब्ध है. नोटिस के अनुसार, मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन के कोर्स की अवधि तीन साल से घटाकर सिर्फ दो साल कर दी गई है. इसी तरह बैचलर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी की अवधि चार साल से बढ़ाकर साढ़े चार साल कर दी गई है.
जो छात्र 12 वीं कक्षा पास कर चुके हैं और चिकित्सा के क्षेत्र में आना चाहते हैं, वे भी एक नई डिग्री यानी बैचलर ऑफ सोवा-रिग्पा मेडिसिन एंड सर्जरी के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस कोर्स की अवधि साढ़े पांच साल है. कोई भी डिग्री जिसका उल्लेख अधिसूचना में नहीं है और उसके बाद के संशोधन को यूजीसी द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.
इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, वास्तुकला और डिजाइन डोमेन में नौ नई डिग्रियां स्पेसिफाइड की गई हैं. 12वीं पूरी करने वाले छात्र बैचलर ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, बैचलर ऑफ अर्बन डिजाइन, बैचलर ऑफ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और बैचलर ऑफ स्पोर्ट्स साइंसेज के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे. इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, फैशन और डिजाइन में नए डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए – बैचलर ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (बी. एफटेक) और बैचलर ऑफ अर्बन डिजाइन (बीयूडी) – न्यूनतम अवधि चार वर्ष है.
जिन्होंने स्नातक की डिग्री पूरी कर ली है, वे फैशन टेक्नोलॉजी, फैशन मैनेजमेंट, अर्बन डिजाइन, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और स्पोर्ट्स साइंस में दो साल की मास्टर डिग्री के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे. नोटिफिकेशन में सभी विषयों को लेकर विस्तार में जानकारी दी गई है. उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे सभी कोर्स से संबंधित जानकारी के लिए नोटिफिकेश देखें