करण जौहर के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' की रिलीज को कुछ ही दिन रह गए हैं। सात साल बाद करण जौहर बतौर निर्देशक दर्शकों के बीच वापसी कर रहे हैं। ऐसे में 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' का क्रेज लोगों में करण जौहर की पिछली फिल्मों से कहीं ज्यादा है। लेकिन एक फिल्म के हिट होने में कई फैक्टर्स काम आते हैं।

गानों का बना है जबरदस्त क्रेज

बेशक 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' के भविष्य को लेकर सिर्फ करण जौहर की नहीं, बल्कि रणवीर सिंह और आलिया भट्ट तक की इमेज दांव पर लगी है। रणवीर से जहां लंबे अरसे से कोई हिट फिल्म नहीं दी। वहीं, आलिया की यह मां बनने के बाद पहली सोलो लीड एक्ट्रेस वाली फिल्म है। आंकड़ों की अगर बात करें, तो 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' का क्रेज 'तुम क्या मिले' से बना हुआ है। फिर ट्रेलर को भी काफी पसंद किया गया। फिल्म इंडस्ट्री के जानकार कहते हैं कि आजकल दर्शक काफी समझदार हो गए हैं। अब सब कुछ कंटेंट पर निर्भर करता है। अगर फिल्म में दम हुआ, तो पांच दिन के वीकेंड पर यह कमाई के नए रिकॉर्ड बनाएगी। लेकिन अगर फिल्म में दम नहीं हुआ, तो यह पहले वीकेंड पर ही सिमट जाएगी।

कर सकती है डबल डिजिट्स में ओपनिंग

जागरण डॉट कॉम ने वितरक और फिल्म क्रिटिक राज बंसल से 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' को लेकर विभिन्न सम्भावनाओं पर बात की और समझने की कोशिश की कि बॉलीवुड फिल्मों को लेकर चल रहे मौजूदा हालात में करण जौहर की फिल्म सफलता के कितने करीब या कितनी दूर है। करण जौहर खुद में एक बड़ा नाम हैं। एक जमाना था जब करण जौहर के नाम पर ही उनकी रिलीज फिल्मों का बज बना रहता था। पिछले कुछ समय में बॉलीवुड को लेकर कुछ नेगेटिव इमेज जरूर बनी, लेकिन 'पठान' के बाद से यह नेगेटिविटी दूर गई। जो दीवानापन एक पिक्चर को लेकर होता है, वह सब इसमें देखने को मिला। बीते कुछ वर्षों में नेगेटिविटी इसलिए थी, क्योंकि बॉलीवुड दर्शकों को उस उम्मीद अनुसार कंटेंट नहीं दे पा रहा था, जैसा वह चाहते थे। फिल्में निर्माता-निर्देशकों और दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकीं। रही 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' की बात करें तो इससे फिल्म इंडस्ट्री को भी काफी उम्मीदें हैं। फिल्म 13-15 करोड़ की ओपनिंग ले सकती है। सब कुछ इसके कंटेंट पर निर्भर करता है। इसी पर ओपनिंग वीकेंड कलेक्शन भी टिका हुआ है।

लंबे गैप का दर्शकों पर पड़ सकता है असर

शाह रुख खान ने 'पठान' से चार साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी की। एक लंबे गैप के बाद उन्हें सिल्वर स्क्रीन पर देखने का अलग ही क्रेज था। शाह रुख की ही तरह करण जौहर भी बड़ा नाम हैं। एक निर्देशक के तौर पर उनकी फिल्में हमेशा चलती आई हैं। राज बसंल कहते हैं- निर्देशन से सात साल का गैप फिल्में बनाने की उनकी क्वॉलिटी को प्रभावित नहीं करेगा। शाह रुख खान एक्टर हैं, और करण जौहर निर्देशक। यह दो अलग फैक्टर्स हैं, जिनका मुकाबला नहीं किया जा सकता।

रणवीर सिंह के कंधों पर है 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' का भार

रणवीर सिंह की पिछली रिलीज कुछ फिल्में दर्शकों को लुभा पाने में नाकामयाब रहीं। 'सर्कस', '83', 'दिल धड़कने दो' को दर्शकों ने सिरे से नकार दिया। ऐसे में 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' के जरिये उनके कंधों पर भार है। हालांकि, रणवीर ही वह अभिनेता हैं, जिन्होंने 'पद्मावत' और 'बाजीराव मस्तानी' जैसी फिल्में कीं। बदकिस्मती से उनकी पिछली कुछ फिल्में नहीं चलीं। 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' की सफलता उसके कंटेंट पर निर्भर करती है। अगर कहानी में दम होगा, तो फिल्म अच्छी ओपनिंग करेगी। फिर रणवीर सिंह भी अच्छे अभिनेता हैं। वह अपनी अदाकारी से किरदार में जान जरूर डालेंगे।